रिपोर्ट पीयूष कुमार प्रियदर्शी
हवेली खड़गपुर
एक समय नक्सलवाद की गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा भीम बांध अब विकास की राह पर कदमताल कर रहा है। गंगटा पंचायत अंतर्गत घने जंगलों से घिरे इस गांव में शुक्रवार दोपहर 2 बजे नवसृजित उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया गया। मुख्य सड़क से लगभग 11 किलोमीटर अंदर बसे भीम बांध में स्वास्थ्य केंद्र का शुरू होना यहां के ग्रामीणों के लिए बड़ी सौगात साबित होगा।
उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन वार्ड सदस्य संतन कुमार सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुबोध कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक उमेश कुमार, प्रखंड प्रसार प्रशिक्षक नवल किशोर तथा एकाउंट चंदन कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास की बयार
भीम बांध इलाका कभी नक्सलियों के प्रभाव के लिए जाना जाता था। यहां के ग्रामीण लंबे समय तक विकास की मुख्यधारा से कटे रहे। बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित लोग प्राथमिक इलाज के लिए या तो गंगटा की ओर रुख करते थे या 25 किलोमीटर दूर हवेली खड़गपुर जाना उनकी मजबूरी थी। लेकिन अब इस उप स्वास्थ्य केंद्र के शुरू होने से करीब 2 हजार ग्रामीणों को नजदीक में ही इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।
ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वार्ड सदस्य संतन कुमार सिंह ने कहा कि भीम बांध के ग्रामीण लंबे समय से स्वास्थ्य केंद्र की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री के आगमन के समय भी यह मुद्दा उठाया गया था। सरकार ने ग्रामीणों की इस मांग को गंभीरता से लिया और अब इसे पूरा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की देखभाल करेंगे।
नक्सलवाद से पर्यटक स्थल तक की यात्रा
भीम बांध, जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, आज धीरे-धीरे पर्यटक स्थल के रूप में पहचान बना रहा है। एसएसबी कैंप की तैनाती और प्रशासनिक सक्रियता ने यहां सुरक्षा व शांति बहाल की। अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवसृजित उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन इस इलाके को नई पहचान देगा। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि कभी भय और हिंसा से घिरे इस क्षेत्र में अब विकास और विश्वास की नई सुबह हो रही है।
उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे और उन्होंने सरकार के इस कदम की सराहना की। उनका कहना था कि यह स्वास्थ्य केंद्र न केवल उनकी समस्याओं को कम करेगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि भीम बांध अब नक्सलवाद की पहचान से आगे बढ़कर विकास की नई मिसाल बनने जा रहा है।

